जैनधर्म प्रश्नोत्तरमाला – 5

प्रश्न -उपपाद जन्म किस गति के जीवों का होता है ?

उत्तर -देवगति और नरकगति में देव और नारकियों का उपपाद जन्म होता है ।

प्रश्न -जैन साधु देवताओं से आहार क्यों नहीं ले सकते हैं ?

उत्तर -क्योंकि देवगण मनुष्यों के समान संयम धारण करने में असमर्थ होते हैं इसलिए जैन साधु देवताओं द्वारा दिया गया आहार ग्रहण नहीं कर सकते हैं।

प्रश्न -अकालमरण किन-किन जीवों का हो सकता है ?

उत्तर -कर्मभूमि के मनुष्य और तिर्यंचों का विष भक्षण आदि निमित्तों से अकालमरण संभव है ।

प्रश्न -तत्त्व कितने हैं ?

उत्तर -जीव, अजीव, आस्रव, बंध, संवर, निर्जरा और मोक्ष ये सात तत्त्व होते हैं।

प्रश्न -द्रव्य के कितने भेद हैं ?

उत्तर -६ भेद हैं-जीव, पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश और काल।

प्रश्न -पाँच अस्तिकाय कौन-कौन से हैं ?

उत्तर -छह द्रव्यों में से काल द्रव्य को छोड़कर शेष पाँच द्रव्य पंचास्तिकाय कहे जाते हैं।

प्रश्न -सिद्धशिला कहाँ है ?

उत्तर -तीन लोक के अग्रभाग पर ४५ लाख योजन प्रमाण अघॅ चन्द्राकार सिद्धशिला है ।

प्रश्न -सुमेरुपर्वत कहाँ है ?

उत्तर -१ लाख ४० योजन (लगभग ६० करोड़ किमी.) ऊँचा सुमेरुपर्वत अकृत्रिम जम्बूद्वीप रचना के बीचों बीच बना है जो यहाँ से तीस करोड़ किमी. दूर है ।

प्रश्न -नवदेवता कहाँ-कहाँ पाये जाते हैं ?

उत्तर -अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, साधु, जिनधर्म, जिनागम, जिनचैत्य, जिनचैत्यालय ये नवदेवता ढाईव्दीप में ही पाये जाते हैं, उससे आगे व्दीपों में मात्र चैत्य और चैत्यालय ये दो देवता ही रहते हैं।

प्रश्न -प्रतिमा के कितने भेद हैं ?

उत्तर -प्रतिमा के ११ भेद हैं-दर्शन, व्रत, सामायिक, प्रोषधोपवास, सचित्तत्याग, रात्रिभुक्तित्याग, ब्रह्मचर्य, आरंभत्याग, परिग्रहत्याग, अनुमतित्याग और उद्दिष्टत्याग प्रतिमा।