द्रव्य

जैन दर्शन और विज्ञान में आकाश और काल द्रव्य

जैन दर्शन में ६ द्रव्य माने गए हैं— १.जीव, २. पुद्गल, ३. धर्म, ४. अधर्म, ५. आकाश, ६. काल द्रव्य। १.जीव द्रव्य:— जिस हृदय में जानने—देखने की शक्ति एवं ज्ञान, दर्शन चेतना पाई जाती हैं वह जीव द्रव्य कहलाता है। जीव शब्द का अर्थ है, जीने वाला। जीव द्रव्य नित्य…