प्रश्न -पुरुषार्थ के कितने भेद हैं ?
उत्तर -४ भेद हैं-धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष।
प्रश्न -हिंसा के कितने भेद होते हैं ?
उत्तर -४ भेद होते हैं-संकल्पीहिंसा, आरंभी हिंसा, उद्योगी हिंसा और विरोधी हिंसा।
प्रश्न -संकल्पी हिंसा किसे कहते हैं ?
उत्तर -अभिप्रायपूर्वक दोइन्द्रिय आदि जीवों को मारना ‘‘संकल्पी हिंसा’’ कहलाती है । जैसे-चमड़े का व्यापार करना, घर में चूहामार या मच्छर नाशक दवाई डालकर उन्हें मारना आदि।
प्रश्न -इस हिंसा का त्यागी कौन होता है ?
उत्तर -सम्यग्दृष्टि अणुव्रती श्रावक संकल्पी हिंसा का त्यागी होता है ।
प्रश्न -शेष तीन हिंसा क्या श्रावक के लिए क्षम्य हैं ?
उत्तर -हाँ, क्योंकि गृहस्थ क्रियाओं में आरंभी हिंसा तो होती है, खेती- व्यापार आदि में उद्योगी हिंसा संभावित है और धर्मविरोधी कार्य करने वाले से लड़ना विरोधी हिंसा है । जैसे-राम ने रावण के साथ युद्ध किया, क्षायिक सम्यग्दृष्टि भरत ने भी युद्ध किया। ये विरोधी हिंसा के कार्य हैं जिन्हें अणुव्रती श्रावक भी करते हैं।
प्रश्न -पंचसूना किन्हें कहते हैं ?
उत्तर -कूटना, पीसना, चूल्हा जलाना, पानी भरना, झाड़ू लगाना ये पाँच क्रियाएँ पंचसूना कहलाती हैं। गृहस्थ श्रावक-श्राविकाएँ इन्हें करते हैं।
प्रश्न -भगवान की तीन प्रदक्षिणा क्यो लगाते हैं ?
उत्तर -जन्म, जरा, मरण इन तीन रोगों की समाप्ति हेतु तथा सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चारित्र इन तीन रत्नों की प्राप्ति हेतु तीन प्रदक्षिणा लगाई जाती हैं।
प्रश्न -अष्ट द्रव्यों से पूजन क्यों की जाती है ?
उत्तर -अष्ट कर्मों को नष्ट करने के लिए अष्ट द्रव्य से पूजन की जाती है ।
प्रश्न -वे अष्ट द्रव्य कौन-कौन से हैं ?
उत्तर -जल, चंदन, अक्षत, पुष्प, नैवेद्य, दीप, धूप और फल ये अष्ट द्रव्य हैं। सबको एक में मिलाकर अघ्र्य बनता है ।
प्रश्न -दो प्रतिमाधारी श्रावक को कितने व्रत पालन करने होते हैं ?
उत्तर -१२ व्रतों का पालन दो प्रतिमाधारी श्रावक करता है ।