जैनधर्म प्रश्नोत्तरमाला-7

प्रश्न -क्या स्त्रियाँ अपने स्त्री भव से कभी मोक्ष नहीं जा सकती हैं ?

उत्तर -नहीं, दिगम्बर जैन सिद्धान्त के अनुसार स्त्रियाँ मोक्ष नहीं जा सकती हैं।

प्रश्न -क्या तीर्थंकर की माता भी उस भव से मोक्ष नहीं जाती हैं ?

उत्तर -नहीं, क्योंकि सिद्धान्त का नियम तो अटल होता है ।

प्रश्न -स्त्रियों को कभी क्षायिक सम्यग्दर्शन हो सकता है या नहीं ?

उत्तर – नहीं।

प्रश्न -गतियाँ कितनी हैं ? 

उत्तर – चार हैं-नरकगति, तिर्यंचगति, मनुष्यगति और देवगति।

प्रश्न -इन्द्रिय किसे कहते हैं ?

उत्तर – चारों गति के जीवों को पहचानने के चिन्ह को इन्द्रिय कहते हैं।

प्रश्न -इन्द्रियाँ कितनी होती हैं ?

उत्तर – इन्द्रियाँ पाँच होती हैं-स्पर्शन, रसना, घ्राण, चक्षु और कर्ण।

प्रश्न -चींटी, खटमल, बिच्छू कितने इन्द्रिय जीव हैं ?

उत्तर -तीन इन्द्रिय जीव हैं। इनके स्पर्शन, रसना, घ्राण ये तीन इन्द्रियाँ हैं।

प्रश्न -जीव के कितने भेद हैं ?

उत्तर -संसारी और मुक्त ये दो भेद हैं।

प्रश्न -संसारी जीव के कितने भेद हैं ?

उत्तर -दो भेद हैं-त्रस और स्थावर।

प्रश्न -त्रस जीव किन्हें कहते हैं ?

उत्तर -दो इन्द्रिय जीव से लेकर पंचेन्द्रिय तक के जीवों को त्रस कहते हैं।

प्रश्न -स्थावर जीवों के कितने भेद हैं ?

उत्तर -पाँच भेद हैं-पृथ्वीकायिक, जलकायिक, अग्निकायिक, वायुकायिक, वनस्पतिकायिक। इन स्थावर जीवों के एक स्पर्शन इन्द्रिय ही होती है ।

प्रश्न -मुक्त जीव किसे कहते हैं ?

उत्तर -जो मनुष्य आठ कर्मों का नाशकर सिद्ध अवस्था प्राप्त कर अशरीरी हो जाते हैं उन्हें मुक्त जीव कहते हैं।

प्रश्न -आठ कर्म कौन-कौन से हैं ?

उत्तर -ज्ञानावरण, दर्शनावरण, वेदनीय, मोहनीय, आयु, नाम, गोत्र और अन्तराय।

प्रश्न -मनुष्य के कितनी इन्द्रियाँ होती हैं ?

उत्तर -मनुष्य के पाँचों इन्द्रियाँ होती हैं।

प्रश्न -प्राण के कितने भेद हैं ?

उत्तर -पाँच इन्द्रिय, तीन बल (मन, वचन, काय) आयु और स्वासोच्छ्वास ये दस प्राण होते हैं।

प्रश्न -एक इन्द्रिय जीवों के कितने प्राण होते हैं ?

उत्तर -स्पर्शन इन्द्रिय १, कायबल १, स्वासोच्छ्वास १, आयु १ ये ४ प्राण सभी एकेन्द्रिय जीवों के होते हैं।

प्रश्न -दो इन्द्रिय एवं तीन इन्द्रिय जीवों के कितने प्राण होते हैं ?

उत्तर -स्पर्शन, रसना ये २ इन्द्रियाँ, कायबल, वचनबल, स्वासोच्छ्वास और आयु ये ६ प्राण दो इन्द्रिय जीवों के होते हैं तथा तीन इन्द्रिय जीवों के एक घ्राण इन्द्रिय बढ़ जाती है अत: उनके ७ प्राण होते हैं।

प्रश्न -चार इन्द्रिय जीवों के कितने प्राण हैं ?

उत्तर -स्पर्शन, रसना, घ्राणु, चक्षु ये ४ इन्द्रियाँ, वचन बल, कायबल, आयु और स्वासोच्छ्वास ये ८ प्राण चार इन्द्रिय जीवों के (मक्खी, मच्छर, भौंरा, ततैया आदि के) होते हैं।

प्रश्न -पंचेन्द्रिय जीवों के कितने प्राण हैं ?

उत्तर -सबसे पहले पंचेन्द्रियों के दो भेद हैं-संज्ञी और असंज्ञी। इनमें से संज्ञी (मनसहित) जीवों के तो दसों प्राण होते हैं और असंज्ञी (मन रहित) जीवों के मनबल नामक प्राण छोड़कर शेष ९ प्राण होते हैं।