जैनधर्म प्रश्नोत्तरमाला – 3

प्रश्न -सम्यग्दर्शन की प्राप्ति किन प्राणियों को हो सकती है ?

उत्तर -भव्य, संज्ञी, पंचेन्द्रिय और पर्याप्तक जीव ही सम्यग्दर्शन प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न -भव्य का क्या लक्षण है ?

उत्तर -जिनमें मोक्ष जाने की योग्यता विध्यमान है, उन्हें भव्य कहते हैं।

प्रश्न -भव्य जीवों की बाह्य पहचान क्या है ?

उत्तर -भव्यत्व-अभव्यत्व ये आत्मा के पारिणामिक स्वाभाविक भाव हैं। इनकी पहचान केवलज्ञानी ही कर सकते हैं।

प्रश्न -संज्ञी किसे कहते हैं ?

उत्तर -जिन जीवों के मन होता है, ऐसे मनसहित पंचेन्द्रिय जीव संज्ञी कहलाते हैं।

प्रश्न -पर्याप्तक जीवों का क्या लक्षण है ?

उत्तर -शरीर के योग्य पुद्गल परमाणुओं को ग्रहण करने की योग्यता प्राप्त कर लेने पर यह जीव पर्याप्तक कहलाता है ।

प्रश्न -पर्याप्ति के कितने भेद हैं ?

उत्तर -छह भेद हैं-आहार, शरीर, इन्द्रिय, स्वासोच्छ्वास, भाषा, मन।

प्रश्न -एकेन्द्रिय जीवों के कितनी पर्याप्तियाँ होती हैं ?

उत्तर -आहार, शरीर, इन्द्रिय और स्वासोच्छ्वास ये ४ पर्याप्तियाँ एकेन्द्रिय जीवों के होती हैं।

प्रश्न -दो इन्द्रिय, तीन इन्द्रिय, चार इन्द्रिय और असंज्ञी पंचेन्द्रिय जीवों के कितनी पर्याप्तियाँ होती हैं ?

उत्तर -इन जीवों के आहार, शरीर, इन्द्रिय, स्वासोच्छ्वास और भाषा ये ५ पर्याप्तियाँ होती हैं।

प्रश्न -सम्यग्दर्शन किस गति के जीवों के हो सकता है ?

उत्तर -सम्यग्दर्शन चारों गति के सभी पंचेन्द्रिय जीवों को हो सकता है ।

प्रश्न -सम्यग्दर्शन किस प्रकार होता है ?

उत्तर -सम्यग्दर्शन बाह्य और अंतरंग दोनों निमित्तों के मिलने पर होता है ।